UP Agniveer Quota 2025: पुलिस और पीएसी भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को मिलेगा 20% आरक्षण

by Rohan Singh
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उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं को सेना से लौटने के बाद स्थायी रोजगार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य कैबिनेट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश पुलिस, पीएसी, घुड़सवार दस्ते और फायरमैन जैसे सुरक्षा विभागों में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया और अब इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।

यह आरक्षण केवल संख्यात्मक नहीं, बल्कि पूर्व सैनिकों के अनुभव और अनुशासन को नागरिक सुरक्षा में शामिल करने की दिशा में भी एक ठोस पहल है।

UP Agniveer Quota 2025

बैठक में क्या हुआ फैसला?

लखनऊ स्थित लोकभवन में हुई इस कैबिनेट बैठक की जानकारी राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने साझा की। उन्होंने बताया कि गृह विभाग द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके अनुसार, पूर्व अग्निवीरों को केवल आरक्षण ही नहीं, बल्कि आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी, जिससे उनकी भर्ती प्रक्रिया अधिक सहज और सुलभ हो जाएगी।

अग्निपथ योजना क्या है और किसे मिलेगा लाभ?

अग्निपथ योजना केंद्र सरकार द्वारा 2022 में शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत सेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं को चार वर्ष की सेवा के लिए ‘अग्निवीर’ के रूप में भर्ती किया जाता है। सेवा अवधि पूरी करने के बाद 25% अग्निवीरों को स्थायी सैन्य सेवा में स्थान दिया जाता है, जबकि शेष 75% को नागरिक जीवन में नई नौकरियों की तलाश करनी होती है।

पहला बैच 2022 में भर्ती हुआ था, जिसका कार्यकाल 2026-27 में समाप्त होगा। अनुमान है कि पहले बैच में लगभग एक लाख अग्निवीर शामिल होंगे, जिनमें से लगभग 75 हजार युवा नागरिक सेवाओं की ओर रुख करेंगे। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार का यह आरक्षण फैसला इन युवाओं को नया आश्रय देगा।

युवाओं के लिए रोजगार का नया द्वार

उत्तर प्रदेश की यह नीति न केवल राज्य के युवाओं के लिए अवसर लेकर आई है, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर भी एक उदाहरण पेश करती है। राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय यह दर्शाता है कि अग्निपथ योजना से लौटने वाले युवाओं के भविष्य की भी योजना बनाई जा रही है।

पूर्व अग्निवीरों को पुलिस बल में शामिल करने से सुरक्षा एजेंसियों को भी लाभ मिलेगा। इन युवाओं के पास पहले से ही अनुशासन, नेतृत्व और प्रशिक्षण की पृष्ठभूमि होती है, जो उन्हें पुलिस या पीएसी जैसी सेवाओं के लिए आदर्श उम्मीदवार बनाती है।

वादे पर खरी उतरी योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अग्निपथ योजना की शुरुआत के समय ही स्पष्ट कर दिया था कि अग्निवीरों को राज्य में प्राथमिकता दी जाएगी। अब उनके वादे को धरातल पर लाने की दिशा में यह फैसला एक बड़ा संकेत है। यह कदम साबित करता है कि सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर गंभीर है और वादों को अमल में लाने के लिए प्रतिबद्ध भी।

क्या होगा अगला कदम?

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड जल्द ही इस नए आरक्षण नियम के तहत अधिसूचना जारी करेगा। जिन उम्मीदवारों ने अग्निपथ योजना के तहत सेवा की है और जिनकी सेवा अवधि पूरी हो गई है, वे अब आगामी भर्तियों में आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेजों की जानकारी आधिकारिक पोर्टल पर प्रकाशित की जाएगी।

जो अभ्यर्थी इस अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड की वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट देखते रहें।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय लाखों पूर्व अग्निवीरों के जीवन में स्थायित्व और सुरक्षा लेकर आने वाला है। यह केवल एक भर्ती प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक ऐसा कदम है जो सेना से लौटे युवाओं को समाज में सम्मानजनक भूमिका प्रदान करता है। योगी सरकार का यह प्रयास निश्चित ही अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

इस नीति का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि हमारे सुरक्षा बलों में अनुभवी और राष्ट्रसेवा कर चुके युवा शामिल होंगे, जो राज्य की कानून-व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने में योगदान देंगे। ऐसे में यदि आप भी एक पूर्व अग्निवीर हैं, तो यह समय है आगे बढ़ने का – उत्तर प्रदेश सरकार अब आपके साथ है।